बहराइच। भेड़िया हमला बच्चा घटना से कैसरगंज क्षेत्र में दहशत फैल गई है। मंझरा तौकली गांव में शनिवार सुबह तीन वर्षीय अंकेश अपने घर के बरामदे में दूध पी रहा था। अचानक एक भेड़िया आया और मासूम को जबड़ों में दबाकर जंगल की ओर भाग गया। घटना के वक्त मां मौके पर मौजूद थी लेकिन कुछ ही पल में बच्चा उसकी आंखों के सामने से ओझल हो गया। परिजनों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण दौड़े और लाठी-डंडों के सहारे बच्चे की तलाश शुरू की।

27 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी मासूम का कोई सुराग नहीं लग पाया है। वन विभाग की टीम लगातार कॉम्बिंग कर रही है। रविवार सुबह नदी किनारे और आसपास के जंगलों में सघन तलाशी अभियान चलाया गया। इसके साथ ही ड्रोन कैमरे से भेड़िए की तलाश जारी है।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 11 दिनों में कैसरगंज और फखरपुर ब्लॉक में जंगली जानवरों के हमलों में दो बच्चों की जान जा चुकी है। लगातार हो रही घटनाओं से गांवों में भय का माहौल है। लोग अब रात में लाठी-डंडों के साथ पहरा देने को मजबूर हो गए हैं।
वन विभाग ने प्रभावित गांवों में सोलर आधारित कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों को शक है कि भेड़िए ने अंकेश को मार डाला होगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों को अब घर के बाहर खेलाने या बरामदे में छोड़ने से भी डर लगने लगा है। पिछले हमलों की घटनाओं के बाद से लोगों की नींद उड़ गई है। ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि इस तरह के जंगली जानवरों पर तुरंत नियंत्रण किया जाए ताकि बच्चों की जान सुरक्षित रह सके।
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