भोपाल/छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला इस समय एक गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है, जहां पिछले कुछ हफ्तों में छह मासूम बच्चों की किडनी फेल होने के कारण मौत हो चुकी है। इन मौतों का सीधा संबंध संदिग्ध रूप से दूषित कफ सिरप के सेवन से जुड़ा है। इस भयावह घटना के सामने आने के बाद राजधानी भोपाल का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर आ गया है और दो कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
दूषित सिरप से बच्चों की मौत का खुलासा
छिंदवाड़ा के परासिया और आसपास के क्षेत्रों में 4 सितंबर से 26 सितंबर 2025 के बीच 6 बच्चों की मौत ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया। शुरुआती लक्षणों में बच्चों को बुखार और सर्दी-खांसी की शिकायत हुई, जिसके लिए उन्होंने स्थानीय मेडिकल दुकानों से कफ सिरप लिया। लेकिन जल्द ही बच्चों में पेशाब रुकने (यूरिन आउटपुट कम होने) और किडनी फेलियर के लक्षण दिखने लगे।
छिंदवाड़ा जिला कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच और बायोप्सी रिपोर्ट के प्रारंभिक संकेतों में यह सामने आया कि बच्चों की किडनी खराब होने की वजह कफ सिरप में मौजूद डायएथिलीन ग्लायकॉल (Diethylene Glycol – DEG) नामक जहरीले केमिकल की गड़बड़ी की आशंका है।
भोपाल में दो कफ सिरप पर तत्काल प्रतिबंध
छिंदवाड़ा की इस त्रासदी के बाद, भोपाल का स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। एहतियाती कदम उठाते हुए, भोपाल में दो कफ सिरप—‘कोल्ड्रिफ’ (Coldriff) और ‘नेक्सट्रॉस डीएस कफ सिरप’ (Nextros DS Cough Syrup)—के बेचने पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया है।
टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में भोपाल के जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) डॉ. मनीष शर्मा ने इस प्रतिबंध की पुष्टि की।
डॉ. शर्मा ने कहा, “छिंदवाड़ा की घटना को देखते हुए, हमने एहतियात के तौर पर भोपाल में दोनों कफ सिरप को प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक कि इसकी जांच पूरी नहीं हो जाती।”
निजी मेडिकल स्टोर पर चलेगा अभियान
CMHO डॉ. शर्मा ने स्पष्ट किया कि ये दोनों सिरप भोपाल के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर सप्लाई नहीं होते हैं। हालांकि, निजी मेडिकल दुकानों पर इनकी संभावित बिक्री की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
डॉ. शर्मा ने बताया, “भोपाल के निजी मेडिकल (दवा) स्टोरों पर एक विशेष अभियान चलाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रतिबंध प्रभावी ढंग से लागू हो और ये सिरप किसी भी कीमत पर न बेचे जा सकें। बच्चों के जीवन की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
व्यापक जांच जारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग की टीमें, जिनमें ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और दिल्ली-भोपाल की टीमें शामिल हैं, छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के सटीक कारण और कफ सिरप में दूषित तत्व की मात्रा की विस्तृत जांच कर रही हैं।

