रायबरेली। एम्स रायबरेली अभियान के तहत स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चल रहे स्वच्छता ही सेवा अभियान में “एक दिन, एक साथ, एक घंटा” श्रमदान सेवा का आयोजन हुआ। इस दौरान कार्यकारी निदेशक डॉ. अमिता जैन ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले सफाईकर्मियों को सम्मानित किया और सभी से अपील की कि वे अपनी दिनचर्या से एक अनावश्यक गतिविधि हटाकर स्वच्छता में योगदान करें।

नोडल अधिकारी डॉ. सुयश सिंह ने अब तक की गतिविधियों की जानकारी दी, वहीं सहायक नर्सिंग अधीक्षक रवि विश्नोई ने उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। इसके बाद संकाय सदस्य, अधिकारी, छात्र और सफाईकर्मी मिलकर बास्केटबॉल कोर्ट की सफाई में जुटे। कार्यक्रम का समापन डॉ. टी. नवीन सागर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस दौरान डीन (अकादमिक) डॉ. नीरज कुमारी, डीन (परीक्षा) डॉ. प्रगति गर्ग, उप-निदेशक (प्रशासन) कर्नल अखिलेश सिंह, वित्तीय सलाहकार कर्नल यू. एन. राय और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इसी क्रम में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार (SNSP) अभियान के तहत मनोचिकित्सा विभाग ने महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. के. पद्मा ने समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
एमबीबीएस छात्रों ने महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, अवसाद और आत्महत्या रोकथाम पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वंदना वर्मा ने SNSP की महत्ता पर प्रकाश डाला और आहार विशेषज्ञ ममता तिवारी ने महिलाओं के स्वास्थ्य में पोषण की अहम भूमिका बताई।

मनोचिकित्सा प्रभारी डॉ. श्रुति सिन्हा ने घोषणा की कि पुराने ओपीडी भवन में हर शनिवार विशेष महिला मानसिक स्वास्थ्य क्लिनिक संचालित होगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के सहयोग की सराहना की और कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
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