बहराइच। नेपाल सीमा से सटे रुपईडीहा विकास मांग को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. उमाशंकर वैश्य ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए नगर क्षेत्र की समस्याओं और विकास कार्यों में आ रही बाधाओं से अवगत कराया।
डॉ. वैश्य ने बताया कि नगर पंचायत रुपईडीहा का गठन कई ग्राम पंचायतों के परिसीमन के बाद हुआ है। हालांकि, सीमावर्ती होने के बावजूद यहां स्थाई अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती न होने से विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। वर्तमान में रुपईडीहा नगर पंचायत नानपारा नगर पालिका परिषद के अधीन है। वहां के कर्मचारी सप्ताह में सिर्फ एक या दो दिन ही यहां आते हैं, जिससे जरूरी योजनाएं समय पर लागू नहीं हो पातीं।
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अध्यक्ष ने कहा कि नगर क्षेत्र में जलभराव, जाम, सड़कों का अभाव और जल निकासी जैसी समस्याएं विकराल होती जा रही हैं। वहीं, विद्युत आपूर्ति की स्थिति भी अस्थिर है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्र में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए ताकि सुरक्षा बलों की निगरानी और नेपाल सीमा से हो रही घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि नगर पंचायत क्षेत्र में अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सरकारी जमीनें कहां-कहां स्थित हैं। करोड़ों की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक चिन्हांकन नहीं किया गया है। यदि प्रशासन इसे प्राथमिकता में लाए तो मुख्यमंत्री के ‘अतिक्रमण हटाओ अभियान’ के तहत बड़ी संख्या में जमीनें मुक्त कराई जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री के समक्ष रखे गए अन्य प्रमुख बिंदुओं में सड़कों का निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, ट्रैफिक नियंत्रण, सरकारी कर्मचारियों की नियमित तैनाती, और नगर पंचायत के लिए पृथक विकास कार्यालय की स्थापना शामिल रही।
डॉ. उमाशंकर वैश्य ने कहा कि जब तक क्षेत्र को स्थायी प्रशासनिक ढांचा नहीं मिलेगा, तब तक सीमावर्ती सुरक्षा और नागरिक विकास कार्य अधूरे ही रहेंगे।
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