June 19, 2025

पर्यावरण दिवस पर समाजसेवी राजन पांडेय का संकल्प: 17 सितंबर तक 25000 पौधे

समाजसेवी राजन पांडेय ने पर्यावरण दिवस पर 25000 पौधे लगाने का लिया संकल्प, अयोध्या में होंगे वृक्षारोपण

अयोध्या। समाजसेवी राजन पांडेय ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक बड़ा और प्रेरणादायक संकल्प लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि वे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर तक 25,000 वृक्षारोपण कराएंगे। राजन पांडेय ने यह संकल्प पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से लिया है।

उनका कहना है कि हर वर्ष 5 जून को मनाया जाने वाला पर्यावरण दिवस केवल औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “प्रकृति से हम हैं, हमसे प्रकृति नहीं।”

राजन पांडेय ने आगे कहा कि यदि हमें आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य देना है, तो पहले पर्यावरण को सुरक्षित करना होगा। यह कार्य सरकारों के भरोसे छोड़ने की बजाय हमें स्वयं की जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि हर नागरिक एक पौधा अवश्य लगाए और उसकी देखरेख करें।

उन्होंने पर्यावरण संकट की गंभीरता पर भी ध्यान दिलाया। विकास की अंधी दौड़ में पर्यावरण को हुए नुकसान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कई जीव-जंतुओं की प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं, जो हमारे लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने वर्ष 2015 में हुए पेरिस जलवायु सम्मेलन का उल्लेख करते हुए बताया कि 195 देशों ने यह स्वीकार किया कि यदि पृथ्वी का औसत तापमान 2°C से अधिक हुआ, तो उसे बचाना मुश्किल हो जाएगा। आज यह तापमान पहले ही 1.3°C से अधिक बढ़ चुका है, जो चेतावनी का संकेत है।

राजन पांडेय ने “एक पौधा मां के नाम” अभियान का ज़िक्र करते हुए बताया कि यह न केवल भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम है, बल्कि पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा कि भारत सहित कई देश आज भीषण गर्मी और जलवायु असंतुलन का सामना कर रहे हैं, जिसे केवल और केवल बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण द्वारा ही संतुलित किया जा सकता है।

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन लाइफ (Lifestyle for Environment) अभियान को समर्थन देते हुए कहा कि यह पहल अत्यंत सराहनीय है और इसमें हर देशवासी को सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। प्लास्टिक का प्रयोग कम करना, ऊर्जा की अनावश्यक खपत को रोकना और स्थानीय संसाधनों का संतुलित उपयोग—ये सब छोटे प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं।

राजन पांडेय ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि हम विकास को प्रकृति विरोधी बना देंगे, तो उसका कोई स्थायी लाभ नहीं होगा। स्थायी और समावेशी विकास तभी संभव है जब हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखें।

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