June 19, 2025

विकसित कृषि संकल्प अभियान में किसानों को मिली नई दिशा

दुर्गूपुर में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान किसानों को विकसित कृषि तकनीकें अपनाने की जानकारी दी गई।

बहराइच। ग्राम पंचायत दुर्गूपुर, विकासखंड हुजूरपुर में रविवार को आयोजित “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के दौरान किसानों को विकसित कृषि तकनीकें अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों ने किसानों को सरकारी योजनाओं, भूमि संरक्षण के उपायों और प्राकृतिक खेती जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, संयुक्त कृषि निदेशक अनिल कुमार सागर ने किसानों से वैज्ञानिक तरीके अपनाकर कृषि उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक पद्धतियों से जुड़ने पर ही किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाने और रासायनिक उर्वरकों के कम प्रयोग की भी सलाह दी।

उप कृषि निदेशक विनय कुमार वर्मा ने कहा कि विकसित कृषि तकनीकें किसानों के लिए एक सशक्त उपकरण हैं। उन्होंने सरकारी योजनाओं जैसे बीज अनुदान, मिट्टी परीक्षण और खेत तालाब योजना की जानकारी दी और किसानों से इनका लाभ लेने की अपील की। उपनिदेशक कृषि ने बताया कि जिले के 135 ग्राम पंचायतों में वैज्ञानिकों के साथ गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई से पहले कृषि तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है।

डीडी एग्री ने रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए किसानों से जैविक खेती की ओर बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि विष मुक्त खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि बाजार में अधिक कीमत दिला सकती है। भूमि की उर्वरता जांच पर भी विशेष जोर दिया गया।

भूमि संरक्षण अधिकारी सौरभ वर्मा ने बताया कि जिले को 53 खेत तालाबों का लक्ष्य मिला है, जिसकी बुकिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। किसानों से आग्रह किया गया कि वे समय रहते आवेदन करें और जल संरक्षण में सहयोग करें। कृषि प्रसार अधिकारी कैसरगंज शिशिर कुमार वर्मा ने कृषक उत्पादक संगठन (FPO) बनाकर सामूहिक विपणन व आय वृद्धि की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संदीप कुमार व डॉ. अरुण कुमार राजभर, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक रवि शुक्ला (हुजूरपुर) ने वैज्ञानिक विषयों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने उन्नत बीज, बुवाई तकनीक, सिंचाई प्रबंधन और फसल सुरक्षा के व्यावहारिक सुझाव साझा किए।

कई प्रगतिशील किसानों जैसे राम जस, मुन्ना लाल वर्मा, हंसराम यादव व दिनेश कुमार मौर्य ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार नई कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं से उनकी पैदावार व आमदनी में सुधार हुआ है।

अंत में अधिकारियों ने किसानों से आग्रह किया कि वे पारंपरिक खेती के साथ-साथ समेकित व प्राकृतिक कृषि को अपनाएं, जिससे लागत घटे और उत्पादन में निरंतरता बनी रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों की उपस्थिति ने स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण अंचलों में विकसित कृषि तकनीकें अपनाने की ललक तेजी से बढ़ रही है।

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