रायबरेली। शहीद स्मारक राणा बेनी माधव बक्श सिंह पार्क में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा संचालित नि:शुल्क योग शिविर में रविवार को विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. डॉ. प्रवेश कुमार चौधरी ने प्रतिभाग किया। योग शिविर में दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डॉ. प्रवेश कुमार का स्वागत अंगवस्त्र, भगवान राम की प्रतिमा और पुष्पमालाओं से किया गया।
योग से आत्मज्ञान विषय पर बोलते हुए डॉ. प्रवेश कुमार ने कहा कि योग केवल शारीरिक कसरत नहीं, बल्कि यह तन, मन और आत्मा को जोड़ने का मार्ग है। उन्होंने कहा कि योग का विकास ऋषियों और योगियों द्वारा प्राचीन भारत में हुआ था, और भगवान कृष्ण को योगेश्वर कहा जाता है क्योंकि वे योग के स्वामी हैं। योगेश्वर का अर्थ है—योग और ईश्वर का मेल। भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को योग के माध्यम से आत्मज्ञान और मोक्ष का मार्ग बताया।
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डॉ. प्रवेश कुमार ने कहा कि आज योग भारतीय संस्कृति की पहचान बन चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। योग करने से न केवल व्यक्ति स्वस्थ होता है, बल्कि वह समाज के लिए उपयोगी और प्रेरणादायक बनता है।
उन्होंने यह भी बताया कि योग आत्मबल, अनुशासन और मानसिक संतुलन प्रदान करता है। पतंजलि ऋषि द्वारा रचित योग सूत्रों में योग के सभी मूल सिद्धांत स्पष्ट किए गए हैं। आज का समाज यदि योग को अपनाए तो वह केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी समृद्ध होगा।

इस अवसर पर योगाचार्य बृजमोहन और प्रशिक्षिका सोनम गुप्ता द्वारा विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया गया। जिला संयोजक महेंद्र अग्रवाल ने हास्य को योग का प्रभावी माध्यम बताते हुए कहा कि इससे रक्त संचार तेज होता है और तनाव घटता है। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् और भारत माता के जयघोष के साथ हुआ। शिविर में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चों ने भाग लिया।
रायबरेली को किया गौरवान्वित
रायबरेली के अमांवा क्षेत्र स्थित पूरे छेदा खा गांव में जन्मे डॉ. प्रवेश कुमार चौधरी आज विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और साथ ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान में प्राध्यापक भी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी तक शिक्षा प्राप्त की और अपने शोध कार्य में दलित अस्मिता की राजनीति को केंद्र में रखा।

डॉ. प्रवेश कुमार ने अब तक 15 पुस्तकें, 400 से अधिक लेख, 26 अंतरराष्ट्रीय लेख और 150 से अधिक व्याख्यान दिए हैं। समाज में व्याप्त असमानताओं और समरसता के लिए उन्होंने हमेशा आवाज़ उठाई है। उनका कहना है कि योग केवल स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी माध्यम बन सकता है। उनकी उपलब्धियां केवल रायबरेली ही नहीं, पूरे भारत के लिए गर्व का विषय हैं।
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