नई दिल्ली। नेपाल मूल का कुख्यात बदमाश भीम बहादुर जोरा सोमवार-मंगलवार की आधी रात साउथ दिल्ली के आस्था कुंज पार्क में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। गुरुग्राम और दिल्ली पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में भीम जोरा को मार गिराया गया, जिस पर दिल्ली के एक डॉक्टर की हत्या के बाद डकैती और गुरुग्राम में भाजपा महरौली की जिला अध्यक्ष ममता भारद्वाज के घर से 22 लाख की चोरी का आरोप था। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था। उसका एक साथी हालांकि मौके से भागने में सफल रहा।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
गुरुग्राम सेक्टर 43 क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि भीम जोरा आस्था कुंज पार्क में किसी अपराध को अंजाम देने की फिराक में है। क्राइम ब्रांच प्रभारी नरेंद्र अपनी टीम के साथ दिल्ली पुलिस की टीम को लेकर मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखते ही भीम जोरा ने अपने साथी के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस द्वारा आत्मसमर्पण की चेतावनी के बावजूद वह लगातार गोलीबारी करता रहा। पुलिस की जवाबी फायरिंग में भीम जोरा को गोली लगी और वह घायल हो गया।
उसे तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुठभेड़ रात 12.20 बजे हुई। भीम जोरा की तरफ से 6 राउंड और पुलिस की ओर से 5 राउंड फायरिंग की गई। इंस्पेक्टर नरेंद्र शर्मा की बुलेटप्रूफ जैकेट पर भीम जोरा की एक गोली लगी, जिससे वह बाल-बाल बच गए। पुलिस ने जोरा के कब्जे से एक आधुनिक ऑटोमेटिक पिस्टल, जिंदा कारतूस और ताले तोड़ने के औजार बरामद किए हैं।
अपराधों का लंबा रिकॉर्ड
भीम जोरा, जो नेपाली मूल का था, भारत में डकैती, हत्या और चोरी की कई वारदातों को अंजाम दे चुका था। उस पर दिल्ली, गुरुग्राम के अलावा बेंगलुरु और गुजरात में भी अपराध दर्ज थे।
हालिया वारदातें:
- 2 अक्टूबर को उसने गुरुग्राम के सेक्टर 49 की सोसाइटी ‘ओर्किड पेटल’ के विला नंबर 3 में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष ममता भारद्वाज के घर अपने साथी युवराज थापा (जो घरेलू नौकर था) के साथ मिलकर 20 लाख रुपये की चोरी की थी। युवराज थापा को सेक्टर 43 क्राइम ब्रांच पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
- साल 2024 में उसने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर नई दिल्ली के जंगपुरा इलाके में डॉक्टर योगेश चंद्र पॉल के घर डकैती डाली थी और उनकी हत्या कर दी थी। इस मामले में चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे, लेकिन भीम जोरा फरार चल रहा था और इसी हत्या के मामले में उस पर एक लाख रुपये का इनाम था।

