नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके)में सेल्फ रूल चार्जर और आर्थिक राहत की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन जारी है, जिसमें पुलिस कर्मियों और नागरिकों समेत नौ लोगों की मौत हो गई है। मुजफ्फराबाद के बाद यह आंदोलन मीरपुर, पुंछ सहित कई अन्य क्षेत्रों में फैल गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में जनजीवन ठप हो गया है।
‘द न्यूज’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इन हिंसक प्रदर्शनों में लगभग 172 पुलिसकर्मी जख्मी हुए, जिनमें से 12 की हालत गंभीर बताई गई है। इसके अतिरिक्त, हिंसक झड़पों के दौरान लगभग 50 नागरिक भी घायल हुए।

आंदोलन की मुख्य वजह और मांगें
पीओजेके में यह हालात जेकेजेएएसी (JKJAAC) के चार्टर में शामिल 38 मांगों को नजरअंदाज करने के कारण पैदा हुए हैं। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में शासक वर्ग के विशेषाधिकारों को खत्म करना, शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधानसभा सीटों को बहाल करना और आरक्षण खत्म करना आदि शामिल हैं।
प्रदर्शनकारी तत्काल आर्थिक राहत की भी मांग कर रहे हैं, जिसमें:
- बिजली की दरों में कटौती
- सब्सिडी वाले गेहूं के आटे की आपूर्ति
- सरकारी अधिकारियों के भत्तों को समाप्त करना
- मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की बहाली
जेकेजेएएसी और पीओके तथा पाक सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने में नाकाम रहने के बाद जेकेजेएएसी ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की थी, जिसने हिंसक रूप ले लिया है।
शहबाज शरीफ ने जताई चिंता
इस बीच, पीओजेके में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने हिंसक विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए समाधान खोजने को गठित वार्ता समिति का विस्तार किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि शरीफ ने मामले की पारदर्शी जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रदर्शनकारियों के साथ संयम के साथ बर्ताव करने का भी निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

