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संकट में रावण…

यूपी के कई जिलों में बीते दो दिनों से जमकर बारिश हो रही है. यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. फतेहपुर में सुबह से बारिश हो रही है. लखनऊ में भी बादल छाए हैं। ठंडी हवा चल रही है. दशहरे पर आज 36 जिलों में अलर्ट है.

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून की देर से हुई वापसी और बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर की नमी के समागम से मौसमी बदलाव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने दशहरे के पर्व पर भी प्रदेश के कई हिस्सों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर, जालौन, उन्नाव, औरैया और हरदोई जैसे जिले शामिल हैं। इन क्षेत्रों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका जताई गई है। वैसे हिन्दु पंचांग के अनुसार आजकल हथिया नक्षत्र लगा हुआ है।

नदियां उफान पर, जनजीवन प्रभावित

दरअसल बंगाल की खाड़ी के साथ ही गुजरात तट पर बने कम दबाव क्षेत्रों के समागम और अरब सागर की नमी से मौसमी बदलाव देखने को मिल रहा है. यूपी में बारिश का यह दौर अगले दो-तीन दिनों तक जारी रह सकता है. हालाँकि, नए पूर्वानुमानों के अनुसार, पूर्वी यूपी में यह सिलसिला अगले एक हफ्ते तक जारी रहने की संभावना है और 4 से 6 अक्टूबर के बीच कई स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है।

प्रदेश के कई जिलों, विशेष रूप से पूर्वांचल में, गंगा और यमुना जैसी प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं। बाढ़ के कारण बलिया, वाराणसी, गाजीपुर और हमीरपुर के निचले इलाके पानी में डूबे हुए हैं। कई जगहों पर जलभराव से लोगों का आवागमन बाधित हुआ है और प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और पीएसी (PAC) की टीमें लगानी पड़ी हैं।

जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे किसान

झांसी में नाव से ट्रैक्टर को नदी पार ले जाने का वीडियो सामने आया है. वीडियो में चार लोग ट्रैक्टर को नदी ले जाते दिख रहे हैं. नाव डूबने लगी तो उस पर बैठे लोग पानी में उतर गए और नाव को ऊपर उठाने के लिए मशक्कत करने लगे. दरअसल, धसान नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद किसान दूसरे छोर पर जा रहे थे. मामला मऊरानीपुर तहसील का है. यह घटना दर्शाती है कि जलस्तर बढ़ने से किसानों को अपने कृषि कार्यों के लिए भी कितना जोखिम उठाना पड़ रहा है, जबकि कई जिलों में फसलें बर्बाद होने की खबरें भी आ रही हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे जलभराव वाले इलाकों से बचें और पेड़ों के नीचे या कमजोर इमारतों के पास खड़े न हों।

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