November 13, 2025

PM ने जारी किया ₹100 का सिक्का, ‘भारत माता’ के सामने स्वयंसेवक

संघ के शताब्दी समारोह में पीएम ने राष्ट्र सेवा में RSS के योगदान को सराहा; स्मारक डाक टिकट भी जारी, जिसमें 1963 की गणतंत्र दिवस परेड की ऐतिहासिक झलक।

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने किया ₹100 का विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में राष्ट्र निर्माण के प्रति संघ के अभूतपूर्व योगदान को रेखांकित करते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया।

भारत सरकार ने विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया एक स्मारक डाक टिकट और ₹100 का सिक्का जारी किया।प्रधानमंत्री ने स्वयंसेवकों से भरे सभागार में बताया कि 100 रुपये के इस सिक्के के एक ओर राष्ट्रीय चिह्न है और दूसरी तरफ सिंह के साथ ‘वरद-मुद्रा’ में भारत माता की छवि अंकित है, जिसके समक्ष समर्पण भाव से नमन करते हुए स्वयंसेवक दिखाई दे रहे हैं।

‘भारत माता’ की तस्वीर वाली मुद्रा स्वतंत्र भारत में पहली बार पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय मुद्रा पर ‘भारत माता’ की तस्वीर का यह अंकन संभवतः स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है।

इस घोषणा पर सभागार में बैठे स्वयंसेवकों और संघ पदाधिकारियों ने खड़े होकर जोरदार तालियों से स्वागत किया।प्रधानमंत्री ने बताया कि सिक्के के ऊपर संघ का मूल ध्येय वाक्य भी अंकित है: “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम” (यह राष्ट्र के लिए है, यह मेरा नहीं)।

1963 की ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस परेड की याद

पीएम मोदी ने विशेष स्मृति डाक टिकट की महत्ता बताते हुए 1963 की ऐतिहासिक घटना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम सभी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की अहमियत जानते हैं। 1963 में RSS के स्वयंसेवक भी इस राष्ट्रीय परेड में शामिल हुए थे और उन्होंने आन-बान-शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था। यह स्मारक टिकट उसी गौरवशाली क्षण की स्मृति को संजोए हुए है।

उन्होंने आगे कहा कि यह डाक टिकट संघ के स्वयंसेवकों की अनवरत राष्ट्र सेवा और समाज को सशक्त करने की भावना को भी दर्शाता है। पीएम ने इस स्मृति चिह्न और डाक टिकट के लिए देशवासियों को बधाई दी।’संघ की धारा अनेक, लेकिन भाव ‘राष्ट्र प्रथम’ का’संघ की तुलना विशाल नदी से करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, वैसे ही संघ की धारा में भी सैकड़ों जीवन पुष्पित-पल्लवित किए हैं।

संघ ने देश के हर क्षेत्र और हर आयाम को स्पर्श किया है। पीएम मोदी ने कहा कि नदी कई धाराओं में खुद को प्रकट करती है, उसी तरह संघ के अलग-अलग संगठन भी जीवन के हर पक्ष से जुड़कर राष्ट्र की सेवा करते हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि संघ की अनेक धाराएँ (संगठन) बनने के बावजूद उनमें कभी विरोधाभास पैदा नहीं हुआ, क्योंकि हर धारा का मूल भाव एक ही रहा है: राष्ट्र प्रथम।

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