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PoK में पाकिस्तानी सेना-पुलिस की बर्बरता जारी: प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग

इस्लामाबाद/ कराची। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थानीय पुलिस और सेना ने बिजली और सब्सिडी खत्म करने के खिलाफ विरोध कर रहे निहत्थे नागरिकों पर सीधी गोलीबारी की। आर्थिक बदहाली के बीच हुई इस बर्बर कार्रवाई से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आलोचना के केंद्र में आ गया है।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में पाकिस्तानी पुलिस और सुरक्षा बलों की बर्बरता अपने चरम पर है। PoK के कोटली में निहत्थे नागरिकों पर की गई अंधाधुंध गोलीबारी ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को शर्मिंदा कर दिया है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर ओपन फायरिंग करते देखा जा सकता है।समकालीन पहलू: आर्थिक बदहाली बनी हिंसा की जड़:यह विरोध सिर्फ पुलिस के अत्याचार को लेकर नहीं है, बल्कि यह PoK के लोगों द्वारा बिजली की बढ़ी हुई दरों, आटे पर सब्सिडी खत्म करने और इस्लामाबाद द्वारा लगाए गए अवैध टैक्सों के खिलाफ वर्षों से चली आ रही आर्थिक बदहाली का सीधा परिणाम है।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तान उन्हें बुनियादी सुविधाएं देने के बजाय, उनके अधिकारों को छीन रहा है और जबरन टैक्स वसूल रहा है।मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन और मीडिया ब्लैकआउट:आरोप है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों पर सीधे गोलियां चलाईं, जिससे भारी हिंसा भड़क उठी। गोलीबारी में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। इसके बाद बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन की खबरें हैं।

गुस्साए लोगों ने सड़कों पर उतरकर कई रास्तों को बंद कर दिया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में मीडिया ब्लैकआउट कर दिया है और पत्रकारों को रिपोर्टिंग की अनुमति नहीं दी जा रही है। यह पाकिस्तान सरकार द्वारा सूचनाओं को दबाने की पुरानी नीति का हिस्सा है।

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खैबर पख्तूनख्वा का पुराना विवाद भी चर्चा में:

PoK की इस घटना से पहले, खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी एयरफोर्स द्वारा किए गए एक हमले का मुद्दा भी फिर से चर्चा में है। उस हमले में टीटीपी आतंकियों को निशाना बनाने का दावा किया गया था, लेकिन गलती से आम नागरिकों पर हमला हुआ था, जिसमें करीब 30 लोगों के मारे जाने की खबर थी। इन लगातार हो रही घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियां अपने ही नागरिकों के खिलाफ बल का प्रयोग कर रही हैं। PoK में ताज़ा फायरिंग की घटना पाकिस्तान की सुरक्षा और शासन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

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