बहराइच। जिले में एक ऐसा मामला आया है जो पूरे देश को हिला कर रख देने वाला है। यहां के पयागपुर तहसील के पहलवारा गांव में एक तथाकथित मदरसे में 40 नाबालिक किशोरियों को बरामद किया गया है। वह भी जिस भवन में यह बंद थी वहां के शौचालय से इन्हें बाहर निकल गया।
इन बच्चियों को मानव तस्करी से विदेश भेजने की तैयारी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।और दुर्भाग्य की बात तो यह है कि प्रशासन कह रहा है कि उसने शिकायत मिलने पर यह कार्यवाही की। पुलिस का अपना खुफिया तंत्र कहां गया? एल आई यू की रिपोर्ट्स कहां है? मतलब यह की पुलिस की नाक के नीचे इतना बड़ा अपराध संजाल पनप रहा था और पुलिस को खबर तक नहीं थी। हाल के दिनों में इक्का-दुक्का इस बात का चलन बहुत बढ़ा हैं कि यहां से किशोरियों को ले जाकर सऊदी अरब आदि जगहों पर निकाह कर दिया जाता है। यह घटना डबल इंजन सरकार के मुंह पर जोरदार तमाचा है। ताजिया घटना में प्रशासन और शासन की जिम्मेदारी से कोई भी नहीं बच सकता चाहे वह डीएम साहब हो और चाहे वह सीएम योगी आदित्यनाथ।
बहराइच जिले के पयागपुर तहसील क्षेत्र के पहलवारा गांव से जो चौंकाने वाला मामला आया है वह एक नजर आपके सामने। यहां तीन मंजिला इमारत में संचालित एक अवैध मदरसे की जांच के दौरान पुलिस और प्रशासन को हैरतअंगेज नजारा देखने को मिला। निरीक्षण के दौरान छत पर बने शौचालय का दरवाजा खुलवाया गया तो उसमें से एक-एक कर करीब 40 नाबालिग बच्चियां बाहर निकलीं। बच्चियों की उम्र 9 से 14 साल के बीच बताई जा रही है।
निरीक्षण में हुआ बड़ा खुलासा:
जांच टीम के साथ मौजूद अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही महिला पुलिसकर्मियों ने शौचालय का दरवाजा खोला, वहां सहमी हुई बच्चियां बाहर आने लगीं. अचानक कार्रवाई से अफरातफरी का माहौल बन गया। बच्चियां निरीक्षण दल के सवालों का सही जवाब नहीं दे पा रही थीं।पयागपुर के उप जिलाधिकारी अश्विनी कुमार पांडे ने बताया कि शिकायत के आधार पर छापा मारा गया। शुरुआत में मदरसा संचालकों ने टीम को ऊपरी मंजिल पर जाने से रोका, लेकिन पुलिस बल के साथ जबरन प्रवेश करने पर बच्चियां शौचालय में बंद मिलीं। जब उनसे कारण पूछा गया तो मदरसे की शिक्षिका तकसीम फातिमा ने सफाई दी कि अचानक छापे से बच्चियां डर गईं और खुद शौचालय में छिप गईं।
प्रशासन ने बंद कराया मदरसा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद ने कहा कि मदरसे की मान्यता नहीं है और इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही सभी बच्चियों को सुरक्षित उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच जारी है—मदरसा बिना अनुमति कैसे चल रहा था और बच्चियों को शौचालय में क्यों रखा गया, इन बिंदुओं पर गहनता से पड़ताल की जाएगी।
यह घटना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि बाल अधिकारों के उल्लंघन की गंभीर आशंका भी दिखाती है। जांच पूरी होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।

