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माई शारदा धाम में भोग पर उठे सवाल

माई शारदा शक्तिपीठ, जहां श्रद्धालु दूर-दराज़ से आकर देवी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, वहां प्रसाद और भोग की व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भक्तों का कहना है कि मां को अर्पित होने वाले महाभोग की वर्तमान स्थिति आस्था के अनुरूप नहीं है।

शक्तिपीठ को तीनों लोक और चौदहों भुवनों की अधिष्ठात्री देवी का दरबार माना जाता है। भक्त बताते हैं कि यहां पर हर दिन दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में भोग लगाने का तरीका अनुचित प्रतीत हो रहा है, जिससे आस्था आहत हो रही है।

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भक्तों का कहना है कि भोग अर्पण का तरीका बेहद श्रद्धा और सम्मान के साथ होना चाहिए। जिस प्रसाद को बाद में श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है, वह पूरी तरह से शुद्ध और मर्यादित ढंग से प्रस्तुत होना चाहिए। भाव ऐसा होना चाहिए कि जैसे स्वयं अपने हाथों से मां को खिला रहे हों।

श्रद्धालुओं का मानना है कि यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि सौभाग्य का क्षण होता है। इसलिए भोग को रखने और प्रस्तुत करने का तरीका आस्था और भक्ति के अनुरूप होना चाहिए। भक्तों ने प्रधान पुजारी पवन महाराज जी से इस विषय पर गंभीरता से संज्ञान लेने की अपील की है, ताकि आने वाले दिनों में यह स्थिति दोबारा न हो।

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