देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। कुल 6 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें सबसे बड़ा निर्णय रहा उत्तराखंड कैबिनेट बैठक के तहत “महक क्रांति नीति” को मंजूरी।

लंबे समय से इस नीति को लेकर चर्चा हो रही थी। इसका उद्देश्य सगंध फसलों की खेती को बढ़ावा देना और उत्तराखंड को “सुगंधित खेती का हब” बनाना है। बैठक में तय किया गया कि महक क्रांति नीति को 2026 से 2036 तक लागू किया जाएगा। पहले चरण में 91,000 किसानों को लाभान्वित करने और 22,750 हेक्टेयर भूमि पर सगंध खेती कराने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को कम से कम एक हेक्टेयर भूमि पर 80% और एक हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 50% सब्सिडी दी जाएगी।
गौरतलब है कि हाल ही में सौगंध पौधा केंद्र की ओर से “तिमरु” पौधे से तैयार परफ्यूम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बेहद पसंद आया था। इसके बाद राज्य सरकार ने सगंध खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाने का फैसला किया।

बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए—
- कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग में संशोधन। अधीनस्थ कारीगरों के लिए 24 पद और सुधारात्मक विंग के लिए 3 पद सृजित किए गए।
- पीएम आवास योजना (रुद्रपुर) के तहत बने 1872 EWS मकानों पर अतिरिक्त 27.85 करोड़ रुपये का व्यय हुआ, जिसे राज्य सरकार वहन करेगी।
- शैक्षिक अनुसंधान परिषद के तहत पीएम ई-विद्या कार्यक्रम को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए आठ पदों के सृजन को मंजूरी।
- प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 2012 में संशोधन स्वीकृत।
- समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि महक क्रांति नीति उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “ब्रांड उत्तराखंड” की पहचान भी मिलेगी।
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