नई दिल्ली / वाशिंगटन:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा धारकों के लिए 1 लाख अमेरिकी डॉलर की नई फीस लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद से देश की प्रमुख टेक कंपनियों में हड़कंप मच गया है। गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों के हजारों कर्मचारी इस वीजा के तहत अमेरिका में काम कर रहे हैं।
कल मेटा, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विदेशी कर्मचारियों को ईमेल भेजकर इस नई पॉलिसी के प्रभाव और संभावित चुनौतियों की जानकारी दी थी।

गूगल ने भी कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द अमेरिका लौटें। कंपनी के मेमो में लिखा गया है कि “नई पॉलिसी के तहत अमेरिका से बाहर जाने पर H-1B वीजा धारकों को री-एंट्री में परेशानी हो सकती है। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जैसे ही कोई नई जानकारी मिलेगी, कर्मचारियों को अपडेट करेंगे।”
विशेषज्ञों का कहना है कि H-1B वीजा पर इतनी उच्च फीस से अमेरिका में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों की संख्या प्रभावित हो सकती है। टेक कंपनियों को कर्मचारियों की नियुक्ति और संचालन में जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

सोशल मीडिया और टेक फोरम पर भी इस फैसले को लेकर चर्चा तेज है। कई कर्मचारी अब अपने वीजा की वैधता और अमेरिका लौटने की प्रक्रिया को लेकर चिंतित हैं। अमेरिकी इमिग्रेशन कानून विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को अब कर्मचारियों के लिए आपातकालीन योजना बनानी होगी।
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा धारकों के लिए 1 लाख अमेरिकी डॉलर की नई फीस लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद से देश की प्रमुख टेक कंपनियों में हड़कंप मच गया है। गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों के हजारों कर्मचारी इस वीजा के तहत अमेरिका में काम कर रहे हैं।
कल मेटा, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विदेशी कर्मचारियों को ईमेल भेजकर इस नई पॉलिसी के प्रभाव और संभावित चुनौतियों की जानकारी दी थी।
गूगल ने भी कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द अमेरिका लौटें। कंपनी के मेमो में लिखा गया है कि “नई पॉलिसी के तहत अमेरिका से बाहर जाने पर H-1B वीजा धारकों को री-एंट्री में परेशानी हो सकती है। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जैसे ही कोई नई जानकारी मिलेगी, कर्मचारियों को अपडेट करेंगे।”
विशेषज्ञों का कहना है कि H-1B वीजा पर इतनी उच्च फीस से अमेरिका में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों की संख्या प्रभावित हो सकती है। टेक कंपनियों को कर्मचारियों की नियुक्ति और संचालन में जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
सोशल मीडिया और टेक फोरम पर भी इस फैसले को लेकर चर्चा तेज है। कई कर्मचारी अब अपने वीजा की वैधता और अमेरिका लौटने की प्रक्रिया को लेकर चिंतित हैं। अमेरिकी इमिग्रेशन कानून विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को अब कर्मचारियों के लिए आपातकालीन योजना बनानी होगी।
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