लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने फ्लैट निर्माण नियम को और सख्त कर दिया है। अब 8 फ्लैट तक बनाने वालों को भी रेरा (RERA) को सूचना देनी होगी। प्रमुख सचिव आवास ने इसके लिए नया शासनादेश जारी कर दिया है।
सरकार का यह कदम अवैध निर्माण और बिना पंजीकरण के छोटे फ्लैट बेचने वालों पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब विकास प्राधिकरणों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे मंजूर किए गए नक्शों की जानकारी रेरा को अनिवार्य रूप से भेजें।

नए नियमों के मुताबिक, यदि कोई बिल्डर 500 वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर या 8 से अधिक फ्लैट बना रहा है, तो उसे रेरा में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इससे पहले कई बिल्डर छोटे-छोटे हिस्सों में फ्लैट बनाकर रेरा की निगरानी से बच निकलते थे।
सरकारी आदेश के अनुसार, नक्शा पास होने के बाद यह जानकारी सीधे रेरा को दी जाएगी। ऐसा न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और खरीदारों को ठगी से बचाने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस नियम से अब छोटे स्तर पर भी फ्लैट निर्माण पर निगरानी बढ़ेगी। खरीदारों को संपत्ति खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रोजेक्ट रेरा में दर्ज है या नहीं।
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