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जीएसटी में बड़ा बदलाव: कौन-सा होगा सस्ता और कौन रहेगा महंगा?

GST बदलाव 2025: दूध, कार, बीमा, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सस्ती

22 सितंबर से लागू होंगी नई दरें, सरकार ने दिए सभी सवालों के जवाब

आम जनता और उद्योग जगत को मिली राहत

भारत सरकार ने 22 सितंबर 2025 से जीएसटी (GST) में बड़े बदलाव लागू करने का फैसला किया है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों ने गहन मंथन के बाद टैक्स स्ट्रक्चर में अहम सुधार किए। इन बदलावों से आम जनता की रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर उद्योग जगत की चुनौतियों तक कई मुद्दों का समाधान निकलने की कोशिश की गई है।

बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने विस्तार से बताया कि किन-किन उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स दरें बदली गई हैं। इस बार सरकार ने कपड़ा, किसान, परिवहन, बीमा, सेहत, मनोरंजन, ऑटोमोबाइल, कोयला और सौंदर्य प्रसाधन जैसे क्षेत्रों से जुड़े कुल 18 बड़े सवालों के जवाब भी दिए।


खेल जगत और मनोरंजन: टिकटों पर कैसा होगा असर?

आईपीएल (IPL) और अन्य खेल आयोजनों से जुड़े टिकट दरों पर जीएसटी की स्थिति लंबे समय से विवादित रही है। इस बार सरकार ने साफ कर दिया है:

इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि आम दर्शकों के लिए छोटे इवेंट और किफायती टिकटों वाले आयोजन सस्ते रहेंगे, जबकि बड़े आयोजनों जैसे आईपीएल में प्रीमियम टिकटों पर टैक्स जारी रहेगा।


तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी: दरें अभी क्यों नहीं बदलीं?

तंबाकू उद्योग पर लंबे समय से ऊंचा टैक्स बोझ है। इस बार भी सरकार ने सिगरेट, बीड़ी, जर्दा और बिना प्रोसेस तंबाकू जैसे उत्पादों पर पुरानी दरें ही बरकरार रखीं।

सरकार ने साफ कहा कि इन पर नई दरें तभी लागू होंगी जब मुआवजा सेस से जुड़े कर्ज और ब्याज पूरी तरह चुका दिए जाएंगे। यानी उपभोक्ताओं को इस मोर्चे पर फिलहाल कोई राहत नहीं मिलेगी।


दूध और प्लांट-बेस्ड ड्रिंक: आम परिवार को राहत

भारत जैसे देश में दूध रोजमर्रा की जरूरत है। सरकार ने इस पर विशेष ध्यान दिया है:

इससे स्वास्थ्य के प्रति सजग और वीगन लाइफस्टाइल अपनाने वाले लोगों को सीधी राहत मिलेगी।


ऑटोमोबाइल: छोटी कारें हुईं सस्ती

ऑटो सेक्टर में सबसे बड़ा बदलाव पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और एलपीजी से चलने वाली छोटी कारों पर किया गया है।

कारों की परिभाषा भी स्पष्ट की गई है:

इस फैसले से मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए छोटी कारें खरीदना और आसान होगा।


बिना अल्कोहल वाले पेय: क्यों लगाया गया 40% टैक्स?

सरकार ने बताया कि कुछ बिना अल्कोहल वाले पेय पदार्थों पर पहले अलग-अलग दरें लगती थीं। इससे गलत वर्गीकरण और कानूनी विवाद होते थे।


खाद्य उत्पाद: भ्रम हुआ दूर

पहले अलग-अलग खाद्य उत्पादों पर अलग-अलग जीएसटी दरें लागू होती थीं। इससे उद्योग और ग्राहकों में भ्रम की स्थिति बनती थी।

अब सरकार ने साफ कर दिया है:

इससे बाजार में एकरूपता आएगी और विवाद कम होंगे।


रोटी, पराठा और पिज्जा ब्रेड: टैक्स छूट का फायदा

ब्रेड पर पहले से ही जीएसटी छूट थी, लेकिन रोटी, पराठा, परोट्टा और पिज्जा ब्रेड पर अलग-अलग टैक्स लगता था।

अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है:

यह फैसला हर घर की रसोई के खर्च को कम करेगा।


सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाएं: 18% से घटकर 5%

ब्यूटी पार्लर, फिटनेस सेंटर और स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा बदलाव हुआ है।

इससे आम ग्राहकों को सेवाएं सस्ती मिलेंगी।


फलों वाले कोल्ड ड्रिंक: टैक्स क्यों बढ़ा?

पहले इन पर जीएसटी के साथ मुआवजा सेस भी लगता था। अब जब सेस हटा दिया गया है, तो सरकार ने टैक्स बढ़ाकर उसी स्तर को बनाए रखा है।

इसका मकसद है कि सरकार की आमदनी में कमी न आए


पनीर और चीज़: घरेलू उत्पादन को बढ़ावा

सरकार का तर्क है कि इससे छोटे और घरेलू स्तर पर बने पनीर को बढ़ावा मिलेगा।


शहद: असली बनाम नकली

इसका उद्देश्य है कि किसान और असली शहद उत्पादकों को बढ़ावा मिले और उपभोक्ता भी शुद्ध शहद की ओर आकर्षित हों।


कृषि उपकरण: किसानों को राहत

खेती से जुड़े उपकरणों पर टैक्स घटाया गया है:

इसमें सिंचाई प्रणाली, थ्रेशर, कटाई मशीन, खाद बनाने वाली मशीन और अन्य उपकरण शामिल हैं।


दवाएं: पूरी तरह टैक्स फ्री क्यों नहीं?

सरकार ने बताया कि अगर दवाओं को पूरी तरह जीएसटी मुक्त कर दिया जाए तो निर्माता को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा।

इससे दवाओं की लागत बढ़ जाएगी और उपभोक्ता को दवाएं महंगी पड़ेंगी। इसलिए सरकार ने यह कदम नहीं उठाया।


मेडिकल डिवाइसेज: 5% जीएसटी

लगभग सभी चिकित्सा, सर्जरी, डेंटल और पशु चिकित्सा उपकरणों पर अब 5% जीएसटी लगेगा।

हालांकि, कुछ विशेष उपकरणों को पहले की तरह छूट जारी रहेगी।


साबुन: आम परिवार को राहत

सरकार का कहना है कि सोप बार का इस्तेमाल आम और मध्यमवर्गीय परिवार करते हैं, इसलिए राहत दी गई है।


फेस पाउडर और शैंपू: टैक्स क्यों घटा?

ये दोनों उत्पाद अब लगभग हर वर्ग के लोग इस्तेमाल करते हैं।

सरकार का कहना है कि ब्रांड के आधार पर टैक्स दर तय करना मुश्किल होता, इसलिए इसे सरल और सभी पर समान रखा गया।


विशेष दर 40%: किन पर लागू?

कुछ गिने-चुने लग्ज़री और हानिकारक वस्तुओं पर सरकार ने 40% की विशेष दर तय की है।

इसमें सिगरेट और कुछ शरबत शामिल हैं। पहले इन पर मुआवजा उपकर भी लगता था, जो अब जीएसटी में समाहित कर दिया गया है।


छोटे ट्रैक्टर: पूरी तरह टैक्स फ्री क्यों नहीं?

सरकार ने कहा कि अगर टैक्स पूरी तरह माफ कर दिया जाए तो निर्माता को आईटीसी का लाभ नहीं मिलेगा। इससे लागत बढ़ेगी और ट्रैक्टर महंगे हो जाएंगे।

इसीलिए सरकार ने टैक्स को घटाकर रखा है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं किया।


निष्कर्ष: नई जीएसटी दरें किसे कितनी राहत देंगी?

22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले ये बदलाव आम जनता को राहत देंगे। दूध, रोटी, पराठा, सोप, पनीर, कृषि उपकरण और दवाओं जैसी रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी। वहीं लग्ज़री उत्पादों और हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स दरें ऊंची बनी रहेंगी।

सरकार का कहना है कि जीएसटी को सरल और विवाद-मुक्त बनाने की कोशिश की गई है। इससे उद्योग जगत को भी स्थिरता और ग्राहकों को स्पष्टता मिलेगी।


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