रायबरेली। मंडलायुक्त लखनऊ डॉ. रोशन जैकब ने कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को मंडलीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि मंडलायुक्त समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा करना है। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं में किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं होगी और मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर दर्ज प्रगति ही विभागों की वास्तविक उपलब्धि मानी जाएगी।
बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष जोर दिया गया। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी सीएचसी और पीएचसी पर दवाओं की उपलब्धता, एंबुलेंस सेवा और अन्य मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। शिक्षा विभाग को आदेश दिया गया कि संस्कृत विद्यालयों को भी प्रोजेक्ट अलंकार में शामिल किया जाए और विद्यालय परिसरों में सौर ऊर्जा आधारित लाइटें लगाई जाएं।
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महिला कल्याण विभाग और दिव्यांगजन कल्याण योजनाओं पर भी विशेष बल दिया गया। मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन योजनाओं के लाभार्थियों तक सुविधाएं समय पर पहुंचनी चाहिए। उन्होंने भिक्षावृत्ति में लगे लोगों को चिन्हित कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए। इसके लिए युवाओं को ड्राइविंग, ब्यूटी पार्लर और स्वास्थ्य सेवाओं की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया गया।
बैठक में नवाचार कार्यों और मनरेगा के तहत तालाबों के जीर्णोद्धार को भी सराहना मिली। मत्स्य विभाग और ग्राम्य विकास विभाग की इन पहलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देने की बात कही गई। मंडलायुक्त ने कहा कि तालाबों के संरक्षण और विकास से जल संरक्षण के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

अंत में जिलाधिकारी हर्षिता माथुर सहित कई अधिकारियों को बेहतर कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। मंडलायुक्त ने स्पष्ट संदेश दिया कि बेहतर काम करने वालों को सम्मानित किया जाएगा और लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
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