समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते की गई है। पूजा पाल लंबे समय से पार्टी की सक्रिय राजनीति में अहम भूमिका निभा रही थीं, लेकिन हाल के दिनों में उनके बयानों और गतिविधियों पर सवाल उठने लगे थे।

बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने यह निर्णय पार्टी की आंतरिक बैठक के बाद लिया। बैठक में संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद थे, जहां यह माना गया कि पूजा पाल का व्यवहार पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के विपरीत है। इस निष्कासन के बाद सपा ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अनुशासन के मुद्दे पर किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी।
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पूजा पाल, प्रयागराज से दो बार विधायक रह चुकी हैं और उनका राजनीतिक सफर हमेशा सुर्खियों में रहा है। वह पहली बार 2007 में विधायक बनीं, इसके बाद 2012 में भी जीत हासिल की। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में उनके राजनीतिक रुख और बयानों ने पार्टी नेतृत्व को असहज किया। पार्टी के अनुसार, कई बार समझाने के बावजूद पूजा पाल ने अपने रुख में बदलाव नहीं किया, जिसके चलते यह कड़ा कदम उठाया गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय सपा के लिए संगठनात्मक मजबूती का संकेत है, लेकिन इससे पार्टी के अंदरूनी समीकरणों पर असर पड़ सकता है। पूजा पाल का निष्कासन प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में सपा की राजनीति को नई दिशा दे सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पूजा पाल का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा और क्या वह किसी अन्य दल में शामिल होती हैं या स्वतंत्र रूप से सक्रिय राजनीति में बनी रहती हैं।

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