June 20, 2025

बकरीद पर मुस्लिम वृद्ध ने दी खुद की कुर्बानी, देवरिया में सनसनी

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देवरिया जिले के गौरीबाजार क्षेत्र से बकरीद के दिन एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग मुस्लिम ने खुद की कुर्बानी मामला बनाते हुए अपनी गर्दन काटकर आत्मबलिदान कर दिया। यह सनसनीखेज घटना उधोपुर गांव की है, जहाँ 60 वर्षीय ईश मोहम्मद ने नमाज अदा करने के बाद घर आकर एक झोपड़ी में खुद का गला काट लिया। इस घटना से इलाके में शोक और सनसनी फैल गई है।

घटना से पहले ईश मोहम्मद ने जिला प्रशासन और ग्राम प्रधान को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आत्मबलिदान का कारण बताया। उन्होंने लिखा कि जिस प्रकार लोग बकरों को संतान की तरह पालकर कुर्बानी देते हैं, उसी तरह वह खुद को अल्लाह और रसूल के नाम पर कुर्बान कर रहे हैं। उन्होंने साफ लिखा कि यह हत्या नहीं बल्कि एक आत्मनिर्णय है, जिसे किसी दबाव में नहीं लिया गया।

ईश मोहम्मद की धार्मिक निष्ठा को गांव वाले भी जानते थे। वह अक्सर आंबेडकर नगर के किछौछा स्थित सुल्तान सैयद मकदूम अशरफ शाह की दरगाह जाते रहते थे। कुछ दिन पहले ही वह वहां से लौटे थे। उनकी पत्नी हाजरा खातून के अनुसार, बकरीद की सुबह ईश मोहम्मद मस्जिद से नमाज अदा करके लौटे और थोड़ी देर अकेले बैठे। फिर घर से लगे झोपड़ी में चले गए, जहां वह अक्सर विश्राम किया करते थे।

थोड़ी देर बाद परिजनों को झोपड़ी से चीख की आवाज सुनाई दी। जब वे वहां पहुंचे तो देखा कि ईश मोहम्मद लहूलुहान अवस्था में पड़े थे और उनका गला चाकू से कटा हुआ था। पास में ही बकरी काटने वाला चाकू पड़ा मिला। यह नजारा देखकर घरवाले स्तब्ध रह गए और तुरंत इलाज के लिए उन्हें देवरिया मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत को देखते हुए गोरखपुर रेफर कर दिया गया। वहां शाम को उनकी मौत हो गई।

ईश मोहम्मद के द्वारा छोड़ा गया पत्र बेहद भावनात्मक और विचारोत्तेजक था। उसमें उन्होंने लिखा:

“इंसान बकरे को बेटी की तरह पालकर उसकी कुर्बानी करता है, वह भी एक जीव है। इसलिए मैं अल्लाह और रसूल के नाम पर खुद की कुर्बानी कर रहा हूं। किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया है। मुझे सुकून से मिट्टी देना। जहां खूंटा गड़ा है, वहीं कब्र होनी चाहिए।”

पत्र में ईश मोहम्मद ने प्रशासन और ग्राम प्रधान से अपील की कि किसी को दोषी न ठहराया जाए। यह उनका निजी निर्णय था और इसमें किसी अन्य की भूमिका नहीं है।

ईश मोहम्मद के तीन बेटे हैं, जो बाहर नौकरी करते हैं। घटना के समय वे घर पर मौजूद नहीं थे। परिजनों और गांव वालों के अनुसार, ईश मोहम्मद हमेशा से ही एक साधक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। हालांकि, उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस पर सभी हैरान हैं। पुलिस और प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।

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