चित्रकूट में मंदाकिनी सफाई अभियान अब एक जनांदोलन का रूप लेता जा रहा है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय की इस सतत पहल के परिणामस्वरूप स्फटिक शिला घाट और उसके आसपास का इलाका साफ-सुथरा और मनोहारी दिखाई देने लगा है। पवित्र मंदाकिनी नदी की स्वच्छता को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक शनिवार चलाए जा रहे अभियान में शिक्षक, छात्र और स्थानीय नागरिक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
कुलगुरु प्रो. भरत मिश्रा के मार्गदर्शन में इस अभियान को न केवल नियमित रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है, बल्कि इसे जनचेतना से भी जोड़ा गया है। विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी, एनएसएस के स्वयंसेवक, स्थानीय निवासी और साधु-संत स्वयं नदी में उतरकर श्रमदान कर रहे हैं। इस दौरान शैवाल, पॉलीथिन, विसर्जित मूर्तियां और पूजा सामग्री जैसी प्रदूषणकारी वस्तुएं नदी से बाहर निकाली जाती हैं।
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आज के अभियान में कुलगुरु प्रो. भरत मिश्रा स्वयं उपस्थित रहे और विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। पर्यावरण पाठ्यक्रम के छात्रों, एनएसएस इकाई के युवाओं और स्थानीय संत समाज ने मिलकर स्फटिक शिला घाट पर घंटों श्रमदान किया। इस पहल का उद्देश्य केवल सफाई ही नहीं, बल्कि नागरिकों में नदी संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना भी है।

मंदाकिनी नदी चित्रकूट की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का प्रतीक है। ऐसे में उसका प्रदूषण मुक्त होना न केवल क्षेत्रीय गरिमा की बात है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत आवश्यक है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय की यह पहल इस दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बन रही है।
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