लखीमपुर खीरी। पोस्टमार्टम हाउस लखीमपुर निरीक्षण के दौरान जिला प्रशासन की सख्ती एक बार फिर सामने आई जब मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक कुमार ने 4 जून को अचानक औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई, जब सीडीओ को परिसर में गंदगी, बदइंतजामी और स्टाफ की अनुपस्थिति मिली।
सीडीओ अभिषेक कुमार सुबह 10 बजे निरीक्षण के लिए पहुंचे और लगभग आधे घंटे तक मौके पर रहे। 10:30 बजे तक भी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. मोहित तिवारी नहीं पहुंचे थे। पूछताछ में सामने आया कि डॉक्टर अक्सर देरी से आते हैं या कभी-कभी ड्यूटी पर आते ही नहीं हैं। इससे पहले भी उन पर ऐसी शिकायतें मिल चुकी हैं।
👉 Read it also : बंदियों को मिला नई शुरुआत का अवसर, जेल में मिला कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रमाणपत्र
निरीक्षण के दौरान फार्मासिस्ट अमित श्रीवास्तव, रवीन्द्र मौर्य, कंप्यूटर ऑपरेटर कुशल मिश्रा और हरिहर शरण वर्मा भी ड्यूटी से गायब मिले। वहीं, एक चपरासी मिथिलेश कुमार केवल उपस्थिति लगाकर घर चला गया था। यह जानकारी मिलने पर सीडीओ ने बेहद नाराजगी जताई और तत्काल सभी अनुपस्थित कर्मियों का वेतन और मानदेय रोकने के आदेश दिए।
सीडीओ ने साफ किया कि अब इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पोस्टमार्टम हाउस के परिसर में गंदगी, असंगठित फाइलें, रुका हुआ पोस्टमार्टम और शव के परिजनों की परेशानी ने हालात की गंभीरता को उजागर किया। एक शव का पोस्टमार्टम लंबित था और उसके परिजन बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

सीडीओ ने मौके पर ही सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता को निर्देशित किया कि वे स्वयं परिसर का निरीक्षण करें, स्थिति में सुधार लाएं और जवाबदेही तय करें। उन्होंने यह भी कहा कि जवाब देने में कोताही बरतने पर संबंधित कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है।
इस निरीक्षण ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जिला प्रशासन अब जनसेवा से जुड़े किसी भी विभाग की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं करेगा। सीडीओ की तत्परता से एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है, वहीं आम जनता को भी आशा की किरण दिखाई दी है कि व्यवस्था में बदलाव संभव है।
📲 समाचार सीधे व्हाट्सएप पर पाएं
देश-दुनिया की राजनीति, विकास और सामाजिक विषयों पर ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें।
👇
🔗 WhatsApp Group Join Link