नई दिल्ली। पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पेलासियोस की भारत यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ने की उम्मीद बढ़ा दी है। मंगलवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-पराग्वे सहयोग के विविध आयामों पर विस्तार से चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रपति पेना की यात्रा से दोनों देशों के बीच विश्वास, व्यापार और सहयोग को नई मजबूती मिलेगी। यह भारत-लैटिन अमेरिका संबंधों को भी व्यापक बनाने में सहायक होगी। पिछले वर्ष कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में हुई बातचीत के आधार पर, भारत लैटिन अमेरिकी देशों के साथ मिलकर सहयोग के नए क्षेत्र तलाश रहा है।
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राष्ट्रपति पेना की यात्रा के दौरान उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से भी मुलाकात की। इसके बाद वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। यह उनकी प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर 2 जून से शुरू हुई तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने इस अवसर पर ट्वीट कर कहा कि भारत-पराग्वे सहयोग को और गहरा करने के लिए राष्ट्रपति पेना की सकारात्मक दृष्टि और समर्थन की सराहना करते हैं। दोनों देशों ने आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया।
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राष्ट्रपति पेना का औपचारिक स्वागत किया और उनके सम्मान में भोज आयोजित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस पहली राजकीय यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता पर पैराग्वे के समर्थन की सराहना की।

इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने पराग्वे के विदेश मंत्री रुबेन रामिरेज़ लेज़कानो से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने एक संयुक्त आयोग तंत्र (जेसीएम) स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को और संस्थागत बनाना और बढ़ाना है।
अभयानंद शुक्ला (वरिष्ठ पत्रकार)
लखनऊ
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