रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के पास स्थित है एक अनोखी संपत्ति—रिलायंस आम बागान, जो न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़ा आम का बाग माना जाता है। यह बाग महाराष्ट्र के जामनगर ज़िले में फैला हुआ है, जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 600 एकड़ है। इस बाग में 1.3 लाख से अधिक आम के पेड़ लगे हैं और इनमें से करीब 200 से अधिक किस्मों के आम उगाए जाते हैं।
यह बाग केवल आकार में ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता और विविधता के मामले में भी अद्वितीय है। यहां उगने वाले आम देश और विदेश दोनों जगहों पर निर्यात किए जाते हैं। रिलायंस आम बागान न केवल भारत के आम व्यापार में अग्रणी भूमिका निभाता है, बल्कि यह दुनिया में सबसे अधिक आम निर्यात करने वालों में से एक बन चुका है।
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इस बाग की शुरुआत 1997 में की गई थी। जब रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने जामनगर में अपनी रिफाइनरी परियोजना शुरू की, उसी समय इसके आसपास की जमीन को हरित बनाने का निर्णय लिया गया। इस प्रयास का हिस्सा था यह आम का विशाल बागान। आज यह केवल एक बाग नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण, जैव विविधता और टिकाऊ खेती का आदर्श उदाहरण बन चुका है।
इस बागान की देखरेख एक विशेष कृषि टीम द्वारा की जाती है, जो जैविक तरीकों से आमों की खेती करती है। यहाँ केसर, हाफ़ुस (अल्फ़ोंसो), दशहरी, लंगड़ा, तोतापुरी, नीलम, मल्लिका जैसी भारतीय प्रजातियाँ तो हैं ही, इसके अलावा जापानी, ब्राज़ीलियाई और थाई किस्मों के आम भी उगाए जाते हैं।

रिलायंस का यह बाग इसलिए भी खास है क्योंकि यहां की अधिकांश उपज उच्च गुणवत्ता वाले निर्यात के लिए उपयोग होती है। प्रत्येक वर्ष हज़ारों टन आम अमेरिका, यूरोप, खाड़ी देशों और सिंगापुर जैसे बाजारों में भेजे जाते हैं। यहां आमों को पैक करने, ग्रेडिंग और गुणवत्ता जांचने की अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
इस परियोजना का सामाजिक पहलू भी महत्त्वपूर्ण है। रिलायंस आम बागान में आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार दिया गया है। महिलाओं को भी फल प्रसंस्करण और पैकेजिंग यूनिट में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
रिलायंस का यह कदम यह दर्शाता है कि एक उद्योग समूह कैसे पर्यावरण, कृषि और समाज के बीच संतुलन बनाते हुए विकास कर सकता है। यह बाग न केवल व्यवसायिक दृष्टि से सफल है, बल्कि एक प्रेरणास्रोत भी है—जहाँ प्रकृति, तकनीक और मुनाफा एक साथ चल रहे हैं।
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