बहराइच। जिले के बहराइच आत्महत्या मामले ने एक बार फिर सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में एक किशोरी और एक विवाहित महिला ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों ही मामलों में पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आवश्यक कानूनी कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
पहली घटना बहराइच के थाना जरवल रोड क्षेत्र की है। मंगलवार शाम करीब 6 बजे ग्रामसभा बरवलिया में 13 वर्षीय किशोरी नूरजहां पुत्री हसन मोहम्मद ने घर की छत के कड़े से दुपट्टा बांधकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना स्थानीय निवासी सुभाष वर्मा ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही जरवल रोड के प्रभारी निरीक्षक मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण कर फील्ड यूनिट को भी बुलाया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों की जांच जारी है।
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दूसरी घटना थाना हरदी क्षेत्र के ग्राम मुंसारी बरवलिया की है, जहां 30 वर्षीय महिला निधि पत्नी ननकई ने भी दुपट्टे से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर हरदी थाना पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पंचायतनामा की कार्रवाई नायब तहसीलदार की निगरानी में की गई और महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

इस मामले में मृतका के पिता ने थाने में तहरीर दी है, जिस आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है, हालांकि प्रथम दृष्टया पारिवारिक तनाव और मानसिक दबाव जैसे कारण सामने आ रहे हैं।
इन दोनों मामलों ने प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है कि किशोरों और महिलाओं में बढ़ रही मानसिक अस्थिरता और सामाजिक दबावों को कैसे रोका जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूली स्तर से ही मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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