अमेठी (तिलोई)। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से दहेज हत्या का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां फूला गांव की एक नवविवाहिता की दहेज हत्या अमेठी में पति द्वारा पिटाई के बाद मौत हो गई। गंभीर हालत में पहले रायबरेली, फिर लखनऊ रेफर की गई महिला की इलाज के दौरान जान चली गई। घटना को लेकर मृतका के पिता ने पति पर दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में लिखित तहरीर दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है।
यह हृदय विदारक मामला मोहनगंज थाना क्षेत्र के बाबा का पुरवा मजरे फूला गांव का है। मृतका की पहचान राम कुमारी (उम्र लगभग 24 वर्ष) के रूप में हुई है। राम कुमारी की शादी छह महीने पहले इन्हौना थाना क्षेत्र के राजा फतेहपुर गांव निवासी रामनारायण के साथ बड़े धूमधाम से की गई थी। शुरुआती कुछ महीने सब कुछ सामान्य रहा लेकिन धीरे-धीरे ससुराल में राम कुमारी की जिंदगी नर्क बनती चली गई।

परिजनों का आरोप है कि शादी के कुछ ही हफ्तों बाद से रामनारायण व उसके घरवाले दहेज की मांग को लेकर राम कुमारी को प्रताड़ित करने लगे। पहले मानसिक उत्पीड़न हुआ, फिर शारीरिक हिंसा ने जगह ले ली। राम कुमारी के पिता काशीराम ने बताया कि उन्होंने अपनी हैसियत से बढ़कर शादी में दान-दहेज दिया था, लेकिन फिर भी उनकी बेटी को चैन से जीवन नहीं मिल सका।
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राम कुमारी के पिता ने बताया कि 27 मई को मामूली सी बात पर रामनारायण ने अपनी पत्नी के साथ बर्बरता की हदें पार कर दीं। आरोप है कि उसने पहले राम कुमारी का गला दबाया और फिर बेरहमी से पीटा, जिससे वह बेहोश हो गई। सूचना पाकर मायके पक्ष के लोग मौके पर पहुंचे और गंभीर हालत में राम कुमारी को पहले रायबरेली जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर बताते हुए लखनऊ रेफर कर दिया।
लखनऊ के एक निजी अस्पताल में राम कुमारी को दो दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन 30 मई की देर रात उसने दम तोड़ दिया। शुक्रवार सुबह जब शव गांव लाया गया तो कोहराम मच गया। मां, पिता और अन्य परिजन शव से लिपटकर बिलखते रहे। गांव में भी यह घटना चर्चा का विषय बन गई।
राम कुमारी की मौत के बाद उसके पिता काशीराम ने मोहनगंज थाने में पति रामनारायण के खिलाफ दहेज हत्या की तहरीर दी। पिता ने कहा, “मैंने अपनी बेटी को हंसते-हंसते विदा किया था, सोचा था सुखी जीवन जिएगी। लेकिन दहेज के लोभियों ने मेरी बेटी की जान ले ली। मुझे न्याय चाहिए।”

मोहनगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह ने बताया, “मृतका के पिता की तहरीर पर आरोपी पति के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।”
इस घटना ने एक बार फिर समाज को झकझोर कर रख दिया है। शादी के महज छह महीने के भीतर दहेज की बलि चढ़ी एक और बेटी ने दम तोड़ दिया। यह न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि उन तमाम बेटियों के लिए भी चेतावनी है जो आज भी दहेज की कुरीति की शिकार हो रही हैं।
इस दर्दनाक हादसे के बाद मृतका की मां का रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने कहा, “बेटी को हजार बार मना किया था कि कुछ सह लो, सब ठीक हो जाएगा। पर हमें क्या पता था कि दहेज के लोभी उसकी जान ही ले लेंगे।” परिजनों और ग्रामीणों ने मांग की है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और बेटी ऐसी क्रूरता का शिकार न हो।

महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर सरकार चाहे जितने भी कानून बनाए, जब तक सामाजिक स्तर पर जागरूकता नहीं आएगी, तब तक दहेज के नाम पर बेटियों की बलि होती रहेगी। इस केस ने प्रशासन और समाज दोनों के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
दहेज प्रथा, जो कि कानूनी रूप से अपराध है, आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक प्रतिष्ठा और परंपरा के नाम पर फल-फूल रही है। इस प्रकार के मामलों में सख्त सजा और समयबद्ध न्याय की आवश्यकता है। राम कुमारी की मौत एक चेतावनी है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो दहेज के दानव और बेटियों की जान लेते रहेंगे।
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