बहराइच जिले के सुजौली बाजार क्षेत्र में कटर्निया घाट विवाद को लेकर हड़कंप मचा है। कटर्निया घाट वन्य जीव विभाग ने वहां रह रहे 185 परिवारों को नोटिस जारी करते हुए जमीन खाली करने का निर्देश दिया है। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा में जमीन खाली नहीं की गई तो बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले के विरोध में ग्रामीणों ने बहराइच स्थित प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) कार्यालय पर प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया।
वन विभाग का दावा है कि सुजौली बाजार का एक हिस्सा दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आता है। वहां के कई ग्रामीणों ने अवैध रूप से झुग्गी-झोपड़ी और पक्के मकान बना लिए हैं। विभाग के अनुसार, यह निर्माण वन भूमि पर है, जो वन अधिनियम का उल्लंघन है। इस आधार पर 185 परिवारों को नोटिस जारी किया गया है। विभाग ने साफ कहा है कि यदि कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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इस मामले में ग्रामीणों का पक्ष भी सामने आया है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण सूर्यकुमार गुप्ता ने बताया कि वे लोग तीन पीढ़ियों से इस भूमि पर निवास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006-07 में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया था कि जो परिवार दो-तीन पीढ़ियों से वन भूमि पर रह रहे हैं, उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा। ग्रामीणों ने दावा किया है कि उन्होंने इस संबंध में सभी आवश्यक दस्तावेज तहसील में जमा कर दिए हैं और मामला अभी सुनवाई में है।
विवाद की जड़ यह है कि एक तरफ सरकार टाइगर रिजर्व क्षेत्र की सुरक्षा और संरक्षण की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ वर्षों से बसे लोगों को विस्थापन का खतरा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी जमीन छीनी गई तो वे बेघर हो जाएंगे और उनके जीवनयापन का कोई जरिया नहीं बचेगा। इस मुद्दे ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक बहस को भी जन्म दे दिया है।
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