निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों को SIRF रैंकिंग में शामिल करने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक में दिया। सीएम योगी ने कहा कि तकनीकी शिक्षा में नवाचार और व्यवहारिक प्रशिक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्राविधिक शिक्षा को परिणामोन्मुखी और गुणवत्तापरक बनाने के लिए सरकार विगत वर्षों से लगातार प्रयासरत है। राज्य संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (SIRF) के अंतर्गत अब निजी संस्थानों को भी सम्मिलित किया जाएगा ताकि सभी स्तरों पर गुणवत्ता के एक समान मानक तय किए जा सकें।
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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी प्राविधिक संस्थान नैक (NAAC), एनबीए (NBA) और एनआईआरएफ (NIRF) जैसी राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रणालियों में भाग लें, लेकिन इसके पहले संस्थान अपनी तैयारी सुनिश्चित करें। उन्होंने SIRF रैंकिंग की सराहना करते हुए इसे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा में प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता बढ़ाने का कारगर माध्यम बताया।
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल और व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल भी मौजूद थे। इस दौरान सीएम योगी ने विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रयोगात्मक अध्ययन को मजबूती देने की बात कही। उन्होंने प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता सुधारने और शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए।

नवस्थापित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज — बस्ती, गोंडा, मीरजापुर और प्रतापगढ़ में भवन निर्माण और परिसर विकास कार्यों को समयसीमा में पूर्ण करने की हिदायत भी दी गई, ताकि अगले सत्र से ये कॉलेज अपने निजी परिसरों से शुरू हो सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह व्यावहारिक और कौशल आधारित होनी चाहिए।” उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि प्रत्येक छात्र को प्रशिक्षण के साथ-साथ उद्योगों में एक निर्धारित अवधि की इंटर्नशिप कराई जाए। स्थानीय औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने पर भी जोर दिया गया।
प्रदेश सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जाए, ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें।