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महाकुंभ: त्रिवेणी संगम के जल को लेकर फैलाई जा रहीं अफवाहें, डॉ. जितेन्द्र नागर ने एक्स पर पोस्ट कर अफवाहों का किया खंडन

प्रयागराज; जहां एक तरफ ‘महाकुंभ 2025’ की सराहना हो रही है, तो वहीं कुछ अराजक तत्व सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी वीडियो और फेक न्यूज फैलाने में लगे हुए हैं. इसी क्रम में टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर में यह बताया गया है, ‘डॉक्टर लोग कहते हैं कि कुंभ-नहाएं श्रद्धालु त्वचा की बीमारी लेकर वापस लौट रहे हैं.

मैं स्वयं कुंभ गया हूं और…

बता दें कि इन्हीं अफवाहों का खंडन करते हुए डॉ. जितेन्द्र नागर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘मैं स्वयं कुंभ गया हूं और, मेरी रोजाना की प्रेक्टिस में हर दुसरा मरीज जो आ रहा है वह, अमृत स्नान करके आया है लेकिन, अभी तक मुझे ऐसा कोई भी मरीज नहीं मिला जिसे त्वचा की बीमारी हुई हो. सत्य उल्टा है, कि कुंभ की सफलता को देख थानवी जी जैसे वामियों की मानसिक बीमारियां जरुर बढ़ गई हैं.

मैं स्वयं कुंभ गया हूँ और, मेरी रोज़ाना की प्रेक्टिस में हर दुसरा मरीज जो आ रहा है वह, अमृत स्नान करके आया है लेकिन, अभी तक मुझे ऐसा कोई भी मरीज़ नहीं मिला जिसे त्वचा की बीमारी हो।
सत्य उल्टा है, कि कुंभ की सफलता को देख थानवी जी जैसे वामियों की मानसिक बीमारियां जरुर बढ़ गई हैं। pic.twitter.com/OBtpSjLir2

— Dr. Jitendra Nagar (@NagarJitendra) February 28, 2025

गंगा जल है सबसे शुद्ध जल

सनातन धर्म में गंगा जल को सबसे शुद्ध जल माना जाता है. यही कारण है कि लोग गंगा स्नान करने के बाद, वहां से जल अपने घरों को लेकर जाते हैं, जो पूजा में उपयोग किया जाता है. सामान्य जल को अगर आप एक बोलत में भरकर रख दें, तो धोड़े दिनों  बाद उसमें कीड़े पड़ जाते हैं. जबकि गंगा जल बोतल में सालों तक रखा रहता है, उसमें कोई अशुद्धि नहीं आती है. यह भी गंगा जल के पवित्रता का एक प्रमाण माना जा सकता है.

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